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ग़ज़ल

कागज़ दिल पर,इस दिल की दरकार लिखेंगे।
नाम लिखेंगे अपना,तुमको प्यार लिखेंगे।

तुमको पा कर,दुनियाँ पा ली है मैंने।
तुमको अपने जीवन में उपहार लिखेंगे।

रोज़ नये लगते हो,रोज़ जुदा सबसे।
नई अदा में ,हम तुमको अखबार लिखेंगे।

आफताब तुम,रातों के शहज़ादे हो।
तुमको नीले अम्बर का सरकार लिखेंगे।

तुमसे शुरू कहानी, मेरे इस दिल की।
इस जीवन का,तुमको ही आधार लिखेंगे।

रूह से तुमको चाहा,तुमसे प्यार किया।
तन,मन का तुमको ही सब अधिकार लिखेंगे।

मैं तुममे खो जाऊँ,तेरी हो जाऊँ।
अपना सब कुछ,नाम तेरे सौ बार लिखेंगे।।

-शाम्भवी मिश्रा