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सोच सेंगमेंट

यादों के मौसम में
भावनाओं की नदी भी
अतीत के खतरनाक स्तर से
ऊपर ही बहने लगती है
और तब
तटबंध टूटने तय होते हैं

शैल कुमुदिनी