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इंतजार

मैंने देखा है उस तस्वीर को
धुआं बनते हुए
जो बनाई थी मैंने
हर उस किनारे पर
जहां जहां तुम्हारे होने के वहम पाले थे।
पर मैं बैठ जाऊं
कहीं किसी तन्हा पेड़ की छांव में
या थम जाऊं
ज़िन्दगी की आखिरी सांस की तरह
यह तुम्हारे इंतेज़ार को गवारा नहीं था।

-नज़मुस्सहर