rajkumar vishwakarma

आकाश से धरा पर

तुम उतर आए मोहन
आकाश से धरा पर
मन प्रज्वलित हो उठा
अंधेरो को हरा कर
रास से युद्ध रण तक
माधुर्य से कर्म प्रण तक
तुम लाए गीता को
स्वर्ण सा खरा कर
तुम उतर आए मोहन
आकाश से धरा पर।

-राजकुमार विश्वकर्मा